गांवों को मिलेगा न्यू ईयर गिफ्ट, इस स्कीम के तहत बटेंगे 60 करोड़ LED बल्ब
Gramin Ujala Yojana: इस योजना से ऊर्जा बचत के रूप में करीब 50,000 करोड़ रुपये सालाना बचत का अनुमान है. अप्रैल तक पूरे देश में लागू होगी योजना.
इस योजना के लागू होने से करीब 9324 करोड़ यूनिट सालाना बचत होगी.
इस योजना के लागू होने से करीब 9324 करोड़ यूनिट सालाना बचत होगी.
Gramin Ujala Yojana: पब्लिक सेक्टर की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड. (EESL) अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत देश के पांच शहरों के ग्रामीण इलाकों से ग्रामीण उजाला नाम से नई स्कीम शुरू करेगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक एनर्जी एफिशिएंसी को गांवों में ले जाने और बिजली बिल में कमी के जरिये वहां रहने वाले लोगों की बचत बढ़ाने के इरादे से यह योजना शुरू की जा रही है.
10-10 रुपये प्रति बल्ब की रेट पर ले सकेंगे LED Bulb price
इस स्कीम फेज वाइज लागू की जाएगी. इसके तहत गांवों में प्रति परिवार 10-10 रुपये प्रति बल्ब की दर से तीन से चार एलईडी बल्ब बांटे जाएंगे. योजना से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि ग्रामीण उजाला योजना नाम से कार्यक्रम अगले महीने जनवरी 2021 के दूसरे सप्ताह से शुरू किया जा सकता है. इसके तहत लगभग 15 से 20 करोड़ ग्रामीण परिवार के बीच 60 करोड़ एलईडी बल्ब बांटने की योजना है.
अप्रैल तक पूरे देश में लागू होगी स्कीम Gramin Ujala Yojana till April
सूत्र ने बताया कि शुरू में इसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी (प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र), बिहार के आरा, महाराष्ट्र के नागपुर, गुजरात के वडनगर और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाएगा. उसने कहा कि योजना को अगले तीन महीने यानी अप्रैल तक पूरे देश में लागू करने की योजना है.
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50,000 करोड़ रुपये सालाना होगी बचत 50,000 crore will be saved annually
बिजली मंत्रालय के तहत आने वाले उपक्रम- एनटीपीसी, पीएफसी, आरईसी और पावर ग्रि़ड की संयुक्त उद्यम कंपनी अभी उजाला कार्यक्रम के तहत 70 रुपये प्रति बल्ब की दर से 36.50 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब का डिस्ट्रीब्यूशन कर चुकी है लेकिन इसमें से 20 प्रतिशत बल्ब ही ग्रामीण क्षेत्रों में बंट सके हैं. ग्रामीण उजाला कार्यक्रम के फायदे के बारे में सूत्र ने कहा कि इस योजना के लागू होने से करीब 9324 करोड़ यूनिट सालाना बचत होगी जबकि 7.65 करोड़ टन सालाना कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. उसने कहा कि इस योजना से ऊर्जा बचत के रूप में करीब 50,000 करोड़ रुपये सालाना बचत का अनुमान है.
केंद्र या राज्यों से कोई सब्सिडी नहीं ली जाएगी No subsidy will be taken from center or states
इससे जहां लोगों की बिजली बिल के रूप में पैसे की बचत होगी वहीं एक लगातार और बेहतर जीवन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही एलईडी बल्ब की मांग बढ़ने से निवेश भी बढ़ेगा. उसने कहा कि इस कार्यक्रम के लिये केंद्र या राज्यों से कोई सब्सिडी नहीं ली जाएगी और जो भी खर्च होगा, वह ईईएसएल स्वयं करेगी.
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हम कार्बन ट्रेडिंग के माध्यम से लागत की वसूली करेंगे. EESL ने उजाला कार्यक्रम के तहत एलईडी बल्ब के अलावा ट्यूबलाइट और एनर्जी एफिशिएंट पंखों का भी वितरण किया है. इसके प्रमुख कार्यक्रमों में उजाला के अलावा एसएलएनपी (स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम), स्मार्ट मीटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ईवी चार्जिंग ढांचागत सुविधा आदि शामिल हैं.
05:56 PM IST